Monday, 2 October 2017

मेरा फ़ोन मुझसे बहुत स्नेह करता है




हाथों से चिपका,
उँगलियों से लिपटा
रहता है,
मेरा फ़ोन मुझसे बहुत स्नेह करता है।

मेरा चेतन मन,
मेरा अचेतन मष्तिष्क,
पल-पल उसमें लीन,
रहता है,
मेरा फ़ोन मुझसे बहुत स्नेह करता है।

कभी वाचाल,
कभी मूक,
तो कभी भंगिमाओं से,
वार्तालाप करता है,
मेरा फ़ोन मुझसे बहुत स्नेह करता है।

जब-जब ये,
दो पल की बाकी सांसें लेता है,
मेरा दिल बेचैन हो उठता है,
मोहब्बत है आखिर,
उसमें तो ऐसा ही होता है,
मेरा फ़ोन मुझसे बहुत स्नेह करता है।

4 comments:

  1. उसके आने का वक़्त बताता है,
    उसके हर लम्स से रू ब रू कराता है।
    हमारी हर मुस्कराहट-घबराहट का गवाह बनता है।
    मुसीबत में मेरी आवाज़ घरवालों तक पहुँचाता है,
    फ्रंट कैमरे से इमरजेंसी में,मेक अप ठीक कराता है,
    सेल्फी क्वीन का दर्जा,यही कम्बख्त मुझे दिलाता है,
    हाट स्टार पे कोहली धोनी से मिलवाता है।
    नालायक मेरे साथ सोता है,संग मेरे ही जगता है।
    मेरा फोन मुझसे ______

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  2. Nice lines. My phone likes me as well. :-)

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