वक़्त के जिस्म में
बहुत सारे लम्हें
आत्मा बन रहा करते हैं.
बहुत सारे लम्हें
आत्मा बन रहा करते हैं.
जो कभी कोई
तुमसे कहे ना
कि भूल जाओ गुज़रे वक़्त को
तो बताना कि
क्या तालुक्क है
जिस्म और आत्मा के बीच.
चेताना कि अगली बार
जरा एहतियात बरते
जिस्म से आत्मा को शून्य
करने की बात कह्ने से पह्ले.