मैं एक परिंदा,
पिंजरेनुमा मेरे ख्याल।
ख्याल ?, कैसा ख्याल ?, किसका ख्याल ?
ख्याल मध्यमवर्गीय परिवार की उपेक्षा का,
ख्याल समाज के 'अपनेपन रूपी कटाक्ष' का,
ख्याल करीबियों की भीनी खुश्बू का,
ख्याल परायों की नुक्ताचीनी का,
ख्याल चंद बीघा जमीन के सुकून का,
ख्याल अवसरों के आसमान का,
ख्याल 'ख्यालों की भूल' का,
ख्याल राहों में बिखरे शूल का,
ख्याल। .... ख्याल। ..... सिर्फ ख्याल। .....
मैं एक परिंदा,
पिंजरेनुमा मेरे ख्याल।
पिंजरेनुमा मेरे ख्याल।
ख्याल ?, कैसा ख्याल ?, किसका ख्याल ?
ख्याल मध्यमवर्गीय परिवार की उपेक्षा का,
ख्याल समाज के 'अपनेपन रूपी कटाक्ष' का,
ख्याल करीबियों की भीनी खुश्बू का,
ख्याल परायों की नुक्ताचीनी का,
ख्याल चंद बीघा जमीन के सुकून का,
ख्याल अवसरों के आसमान का,
ख्याल 'ख्यालों की भूल' का,
ख्याल राहों में बिखरे शूल का,
ख्याल। .... ख्याल। ..... सिर्फ ख्याल। .....
मैं एक परिंदा,
पिंजरेनुमा मेरे ख्याल।